(नई दिल्ली) : हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर पांच सवाल पूछे थे. इसमें सबसे प्रमुख सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर था.
दरअसल, अरविंद केजरीवाल का कहना है कि 75 साल की उम्र के बाद भाजपा नेताओं को रिटायर करने का कानून बना था, जिसके तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को रिटायर किया गया. क्या अब इस कानून का पालन हो रहा है और क्या इसे प्रधानमंत्री मोदी पर भी लागू होना चाहिए?
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं. वो दूसरों को पद छोड़ने के लिए तो कह रहे हैं, लेकिन अपनी बारी आने पर नियम का पन्ना ही फाड़ डालते हैं.
केजरीवाल के लिए AAP का संविधान तक बदल गया
बता दें कि साल 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और तब से अब अब तक अरविंद केजरीवाल ही पार्टी के संयोजक बने हुए हैं. आम आदमी पार्टी के गठन के समय जो संविधान पार्टी ने बनाया था, उसके मुताबिक दो बार से ज़्यादा एक व्यक्ति पार्टी का संयोजक नहीं बन सकता था. लेकिन साल 2021 में पार्टी का संविधान बदला गया. उसके बाद अरविंद केजरीवाल के संयोजक पद पर बने रहने का रास्ता साफ हुआ.
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