नई दिल्ली हरियाणा में चुनावी नतीजे साफ हो गए हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड बहुमत मिला है. बीजेपी ने 48 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 37 सीटें आई हैं.
कुल सीट- 90
भाजपा- 48
कांग्रेस- 37
इनेलो- 2
निर्दलीय-3
कांग्रेस की हार के मुख्य बड़े कारण
हरियाणा चुनाव के नतीजों के पीछे तीन मुख्य कारण हैं. जिनके चलते बीजेपी कमजोर दिखकर भी मजबूत बनी रही और मजबूत प्रतीत हो रही कांग्रेस कोई करिश्मा नहीं कर सकी.
1. नूंह हिंसा- कांग्रेस के टिकट पर फिरोजपुर झिरका से नूंह हिंसा के मास्टरमाइंड मामन खान ने जीत दर्ज की है. बता दें कि मामन खान को पिछले साल नूंह हिंसा में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उनपर हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है. हरियाणा पुलिस ने मामन खान को नूंह हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो एक सीट के चक्कर में कांग्रेस ने अहीरवाल के हिंदुओं को नाराज कर दिया.
2. आरक्षण- हरियाणा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अमेरिका जाकर आरक्षण समाप्त करने की बात कही थी. इसके बाद से हरियाणा के दलित समाज ने कांंग्रेस से दूरी बना ली. साथ ही बीजेपी ने पूरे चुनाव में राहुल गांधी के आरक्षण संबंधी बयान को भी मुद्दा बनाया, जिसका लाभ उसे मिला.
3. ओवर कॉन्फिडेंस- कांग्रेस को ओवर कॉन्फिडेंस कहीं न कहीं भारी पड़ा है. कांग्रेस को उम्मीद थी कि जाट कृषि कानूनों व पहलवानों के प्रदर्शन की वजह से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर उन्हें वोट करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जाट समाज ने शिक्षा, नौकरी व विकास के मुद्दे पर भाजपा को वोट देकर कमल खिला दिया.
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